पुलिस थाने में युवक की मृत्यु प्रकरण में पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक एपीओ, थानाधिकारी निलम्बित तथा थाने का पूरा जाब्ता लाइन हाजिर

संसदीय कार्य मंत्री  शांतिकुमार धारीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि बाड़मेर के पुलिस थाने में युवक की मृत्यु प्रकरण में एफआईआर दर्ज किए बगैर रातभर थाने में बिठाने के कारण थानाधिकारी को निलम्बित कर स्टॉफ को लाइन हाजिर कर दिया है। जिला पुलिस अधीक्षक एवं उपाधीक्षक को एपीओ किया गया है। धारा 302 के तहत केस रजिस्टर्ड हो चुका है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि पीड़ित के परिवार को आर्थिक मदद के लिए सरकार की ओर से विचार किया जाएगा।


 


संसदीय कार्य मंत्री  धारीवाल ने शून्यकाल में वक्तव्य देते हुए बताया कि हमीरपुरा बाड़मेर निवासी 25 वर्षीय जितेन्द्र खटीक को चोरी के संदेह में 26 फरवरी को दोपहर तीन बजे बाड़मेर ग्रामीण थाने में लाया गया था। उसने दूसरे दिन 27 फरवरी को दोपहर डेढ़ बजे पुलिस अभिरक्षा में अचानक सीने में दर्द होकर चक्कर आने की शिकायत की जिस पर तुरंत राजकीय अस्पताल बाड़मेर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो बजे उसे मृत घोषित कर दिया।


उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज किए बगैर युवक को रातभर थाने में बिठाने के कारण थानाधिकारी  दीप सिंह चौहान को तुरंत प्रभाव से निलम्बित किया गया है। थाने पर पदस्थापित सम्पूर्ण जाब्ता दो सहायक उप निरीक्षक, दो हैड कांस्टेबल व 14 कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। घटना की प्राथमिक जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा को सौंपी गई है।


 


 धारीवाल ने बताया कि बाड़मेर ग्रामीण थानाधिकारी की ओर से इस संबंध में मर्ग संख्या दो 27 फरवरी को धारा 176 सीआरपीसी दर्ज किया गया है कि जिला स्पेशल टीम के कांस्टेबल  किशोरकुमार ने ईतला दी कि न्यू कवास बाड़मेर मगरा में एक कब्बाड़ी बाड़ा में अभी एक वाहन द्वारा पाइप लाकर खाली किए हैं जो चोरी के हो सकते हैं। इस पर  जितेन्द्र उर्फ जितु पुत्र ताराचंद खटीक को बाड़मेर ग्रामीण थाने लाया गया। उसे 27 फरवरी को सीने में दर्द होने पर राजकीय अस्पताल बाड़मेर ले गए जहां पर उसकी मृत्यु हो गई।